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हरियाणा नशा उजाड़ रहा नौजवानी

नौजवानी

नशा उजाड़ रहा नौजवानी
हरियाणा में पर्यावरण की तरह नशा भी राजनेताओं के लिए कोई बड़ा मुद्दा नहीं रहा है। स्थिति यह है कि आज नशा हरियाणा में तेजी से फैल रहा है। साल 2009 से लेकर 2018 तक ही हरियाणा में 856 लोगों ने नशे की पूर्ति न होने की वजह से सुसाइड कर लिया। यह सरकारी आंकड़ा है। 70 फीसदी नशेडिय़ों की मौत पर न तो मातम होता है

 

 

और न ही पोस्टमार्टम। ऐसे में नशे से मरने वालों की संख्या हजारों में है। नशे का यह फैलता जाल ही है कि पंजाब व राजस्थान से सटे सिरसा जिला के सिविल अस्पताल के नशा मुक्ति केंद्र में अकेले 2019 में 26 हजार से अधिक नशेडिय़ों की ओ.पी.डी. हुई जबकि 2020 में 32 हजार की। सिरसा व पंजाब के बहुतेरे इलाकों में अब लोग अपने बच्चों के उज्ज्वल भविष्य और अच्छे कॅरियर की बजाय उनके गलत संगत में न पडऩे को लेकर अधिक फिक्रमंद हैं। पंजाब की तुलना में हरियाणा में नशा अधिक तेजी से फैल रहा है। नैशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो की एक रिपोर्ट के अनुसार 2018 में हरियाणा में नशे के चलते 139 जबकि पंजाब में 55 नौजवानों ने सुसाइड किया। सुसाइड से इत्तर नशे की ओवरडेज से हर रोज अनेक युवा मौत के मुंह में समा रहे हैं। ङ्क्षसथैटिक ड्रग्स गिरोह अपने आप में इन दोनों राज्यों में आतंकवाद से भी बड़ा खतरा बन गया है।

 

 

चिट्टे के बाद अब म्याऊं-म्याऊं व चार्ली जैसे खतरनाक नशे आ गए हैं। कोढ़ में खाज यह है कि दोनों ही राज्यों में नशेडिय़ों के इलाज व पुनर्वास के लिए कोई मल्टीस्पैशलिटी ड्रग डी एडीक्शन एंड रिहबलेटेशन सैंटर नहीं है। पंजाब में नौजवानों के नशे के दलदल में धंसने पर बॉलीवुड मुवी बनी, पर नशे के आंकड़े हरियाणा के लिहाज से भी रूलाने वाले हैं।

 

 

 

नैशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों के अनुसार ही 2009 से लेकर 2018 में नशे की वजह से हरियाणा में 856 जबकि पंजाब में 722 लोगों की मौत हो चुकी हैं। 2019 में हरियाणा पुलिस की ओर से मादक पदार्थ अधिनियम के तहत 2677 केस दर्ज कर कुल 16 हजार 23 किलोग्राम नशीले पदार्थ बरामद किए गए। पुलिस की ओर से 2019 में 114.11 किलोग्राम अफीम, 207.83 किलोग्राम चरस, 10 हजार 168.58 किलोग्राम चूरापोस्त, 14.838 किलोग्राम स्मैक, 5502.14 किलोग्राम गांजा व 16.21 किलोग्राम हेरोइन बरामद की गई। हरियाणा में साल 2016 में ही पुलिस ने मादक पदार्थ अधिनियम के तहत 2032 केस दर्ज किए। एक साल में ही पुलिस ने 416.086 किलोग्राम हेरोइन यानी चिट्टा बरामद किया।

 

 

137.873 किलोग्राम अफीम, 2490 किलोग्राम गांजा, 288.354 किलोग्राम चरस बरामद की। कुल मिलाकर एक बरस में 71 हजार 568 किलोग्राम, जबकि 3064 लीटर विभिन्न प्रकार का नशा बरामद किया। राजनेताओं की शह-परस्ती का ही आलम है कि आज पंजाब और हरियाणा जैसे राज्य नशीले पदार्थों की तस्करी का अड्डा बन गए हैं। दोनों राज्यों में 2015 से 2018 तक करोड़ रूपए की हेराइन पकड़ी जा चुकी है। नारकोटिक्स ब्यूरो की हालिया रिपोर्ट के अनुसार साल 2016 में पुलिस ने हरियाणा में 657.85 किलोग्राम हेराइन बरामद कर 669 लोगों को काबू किया। बाजार में इसकी कीमत करीब 3300 करोड़ रुपए बनती है।

 

 

इस एक आंकड़े से जाहिर हो जाता है कि नौजवानी को उजाडऩे वाला नशे का कारोबार हरियाणा जैसे राज्य में कितना फैल चुका है? दरअसल चूरापोस्त, गांजा और अफीम के बाद अब हरियाणा और पंजाब में चिट्टा यानी हेराइन तस्करी का धंधा गोरखधंधा बन गया है। तस्करी का यह नेटवर्क सात समंदर पार तक फैला है और यहां की जवानी को अब यह खोखला कर रहा है। पुलिसिया आंकड़ों के अनुसार ही हरियाणा में पिछले 2015 से 2018 तक 820 किलोग्राम हेरोइन, 425 किलोग्राम अफीम पकड़ी जा चुकी है। वर्ष 2021 में ही हरियाणा में पुलिस और राज्य नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो की ओर से एन.डी.पी.एस. एक्ट के अंतर्गत 2746 केस दर्ज किए गए।

 

 

इस अवधि के दौरान 3975 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। नारकोटिक्ट्स ब्यूरो के आंकड़ों पर नजर डालें तो साल 2019 में हरियाणा में 143 किलोग्राम अफीम, 149 किलोग्राम चरस, 5502 किलोग्राम गांजा और 10181 किलोग्राम भूक्की बरामद की गई। इसी तरह से साल 2020 में 225 किलोग्राम अफीम, 251 किलोग्राम चरस, 9018 किलोग्राम गांजा व 12,817 किलोग्राम भूक्की बरामद की गई। साल 2021 में पुलिस ने 8 किलोग्राम स्मैक, 11,666 किलोग्राम गांजा, 140 किलोग्राम चरस, 271 किलोग्राम अफीम, 6931 किलोग्राम भूक्की बरामद की।

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